कई नामों पर विवाद, अभी तक नहीं मिली हरी झंडी
खिलावन चंद्राकर
 भोपाल 26 जून मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल के विस्तार की अटक लों को एक बार फिर पंख लग गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा के बयान के बाद यह समझा जाने लगा था की शनिवार या रविवार को नए मंत्रियों का शपथ हो सकता है किंतु संघ और संगठन के साथ ही प्रमुख भाजपा नेताओं से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने विस्तार के लिए जो सूची तैयार की गई है उसमें कुछ नामों को लेकर अभी भी विवाद की स्थिति बनी हुई है। क्षेत्रीय , जातिगत और नेताओं की पसंद का संतुलन नहीं बन पा रहा है।
 वही सिंधिया के साथ आए पूर्व विधायकों को मंत्री बनाए जाने की संख्या को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। भाजपा के ही कई वरिष्ठ नेताओं का यह मानना है कि पार्टी में नए आए लोगों को यदि अधिक संख्या में मंत्री बनाया जाता है तो पार्टी में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे कई पुराने विधायकों और पूर्व मंत्रियों में असंतोष बढ़ेगा। इसे रोकने की तैयारी को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री द्वारा सूची को अंतिम रूप देने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की हरी झंडी भी लेनी होगी जिसके लिए उनके दिल्ली प्रवास का कार्यक्रम भी अभी निर्धारित नहीं हुआ है। हां इतना अवश्य है कि दिल्ली स्थित एम पी भवन में कुछ तैयारियां की गई है। इससे स्पष्ट होता है कि मंत्रिमंडल का विस्तार कुछ दिन और टल सकता है। यह भी माना जा रहा है की पार्टी में लगातार बनती जा रही बात की स्थिति से बचने के लिए भी नए मंत्रियों को कुछ और इंतजार कराया जा सकता है ताकि असंतोष को कम करने की तैयारी पहले से ही कर ली जाए।
शनिवार को लौटेंगे शिवराज
विस्तार के पुनः सुगबुगाहट के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को तीन दिवसीय सपरिवार धार्मिक यात्रा पर निकल गए हैं। गुरुवार को तेलंगाना के हैदराबाद में रात्रि विश्राम के बाद शुक्रवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक वे कर्नाटका के मैसूर पहुंचे। दर्शन के उपरांत वे मेलूको भी जाएंगे। शुक्रवार की रात वे आंध्र प्रदेश के तिरुपति पहुंचेंगे रात्रि विश्राम के बाद सुबह दर्शन के उपरांत शनिवार की शाम तक उनके भोपाल वापस लौटते का कार्यक्रम है। स्पष्ट है कि उनका दिल्ली प्रवास कब होगा और वह मंत्री मंडल विस्तार के लिए तैयार की गई अंतिम सूची पर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की मुहर कब लगवा आएंगे यह सुनिश्चित नहीं हो पाया है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि दिल्ली में भी कुछ नाम जोड़े और कांटे जा सकते हैं लेकिन यह सुनिश्चित और पर कहा जा रहा है की विस्तार में मंत्रियों की संख्या 25 से 26 तक सीमित रखी जा सकती है। बता दें कि वर्तमान में प्रदेश में मुख्यमंत्री सहित 6 सदस्य मंत्रिमंडल काम कर रही है जबकि अधिकतम संख्या 34 तक हो सकती है।
यहाँ भी गतिरोध कायम
  मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर वर्तमान में दो गतिरोध सामने आ रहे हैं पहला यह कि राज्यपाल लालजी टंडन अभी अपनी गंभीर बीमारी का इलाज के सिलसिले में लखनऊ में है और दूसरा यह कि भोपाल के राजभवन में लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं, और संक्रमण का दायरा बढ रहा है.शपथ ग्रहण समारोह के लिए वैकल्पिक रूप से राजभवन के स्थान पर मिंटो हाल का स्थान तय किया जा सकता है। जबकि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल यह छत्तीसगढ़ के राज्यपाल अनुसुइया उइके को मध्य प्रदेश के कार्यवाहक राज्यपाल बनाकर मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है।

 

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